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क्या मुसलमान होना गुनाह है? मुसलमान भारत का मूलनिवासी है!

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मुसलमान SC/ST/OBC से धर्म परिवर्तित मूलनिवासी हैं जो भारत भूमि में पला बढा और भारत भूमि के मिट्टी में ही दफन हो जायेंगे, पर देश के शानोशौकत के खिलाफ कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं! मुसलमानों की देशभक्त पर सवाल उठाना निरा बचकाना है बेवकूफी है! मुसलमान उतना ही देशभक्त है जितना एक ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य अथवा अनु० जाति, अनु०जनजाति, या पिछड़ी जाति !     परन्तु आये दिन मुसलमानों को अपनी देशभक्ति साबित करनी पड़ती है अपने देशभक्त होने का सबूत देना पड़ता है, भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर मुसलमानों को शक की निगाह से देखा जाता है, मुसलमानों पर शक किया जाता है उसकी देशभक्ति पर उंगली उठाई जाती है और बार-बार उसके देशभक्त होने का प्रमाण मांगा जाता है और मुसलमानों को गद्दार होने का तमगा आए दिन चंद कट्टरवादी RSS जैसे संगठन के लोग मुसलमान को दे देते हैं!  "बहुजन क्रांति मोर्चा" के राष्ट्रीय संयोजक मान्यवर "वामन मेश्राम साहब" ठीक ही कहते हैं! www.tpsgnews.com से साभार  कि "तुम हमसे देशभक्ति का  सर्टिफिकेट मांगते हो तुम हमें देशभक्त होने का सर्टिफिकेट देते हो हम खड़े-खड़े तुम...

सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में है और गरीबों के विरोध में!

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कोरोना एक महामारी है जिससे पूरी दुनिया चिंतित है भारत का भी चिंतित होना लाजमी है क्योंकि भारत देश जैसे "गरीब मुल्क" में अगर इस बीमारी ने पांव पसार लिए तो मौत के आंकड़े आने वाले समय में सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे!    और भारत में जो कोरोना पाजिटिव मरीजों की बढ़ती हुई संख्या दिख रही है वह बहुत ही भयावह और चिंतित करने वाली है, परंतु एक सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बीमारी से आम आदमी तो चिंतित है लेकिन क्या सरकारी स्तर पर सरकार चिंतित है? भारतीय संविधान में स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर दे रखी है परंतु सरकार कहीं से भी कोरोना बीमारी को लेकर गंभीर दिखती हुई नजर नहीं आ रही है! सरकार केवल लॉकडाउन करने के स्तर पर ही गंभीर है!                 क्या केवल लॉकडाउन कर देने से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है? दुनिया के अधिकांश देशों में यहां तक कि चाइना के वुहान सिटी से जहां से कोरोना फैला केवल उस वुहान सिटी को ही चीन की सरकार ने लॉकडाउन घोषित किया न कि पूरे चीन को, इसी प्रकार दुनिया के अन्य अधिकांश देशों में जहां-जहां ...
कोरोना पार्ट 2 साथियों कोरोना ने पूरी दुनिया को लाइलाज कर दिया है अर्थात अभी तक पूरी दुनिया में इस बीमारी का कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है!     एक तरफ पूरी दुनिया के लोग मेडिकल ट्रिटमेन्ट के माध्यम से इस बीमारी का इलाज ढूंढ रहे हैं तो वहीं हमारे भारत के अद्भुत प्रधानमंत्री जी कोरोना का इलाज "ताली और थाली" बजवाने मे ढूंढ रहे हैं हम अतुल्य भारत मे रह रहे हैं!   प्रधानमंत्री जी ने कहा कि "हम चाह रहे हैं कि जो लोग कोरोना का इलाज कर रहे हैं उनका ताली थाली बजाकर सम्मान करें!" और फिर 22/03/2020 को पूरे देश के अंधभक्त बुद्धि बेच खाये लोगों ने ताली थाली बजाया! मैं डॉक्टरों के सम्मान के खिलाफ बिल्कुल नहीं हूं वे धरती के भगवान हैं!  बिल्कुल डॉक्टरों का सम्मान किया जाना चाहिए पर क्या केवल ताली और थाली बजाकर? क्या उन्हेंं जरूरी PPE किट, जरूरी दवा, और मास्क उपलब्ध कराये बिना ही उनका ताली थाली से सम्मान किया जाना सम्मान होगा या फिर अपमान?  दूसरी बात जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का रूप ले रहा था उसी समय भारत मे 30/01/2020 पहला मरीज इंट्री किया तब भारत सरक...

भारत मे कोरोना से ज्यादा भूखमरी से मरेंगे?

  कोरोना पार्ट -1 24 मार्च 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कोरोना बीमारी को भारत के लिए महामारी (पेनडैमिक) घोषित करते हुए लॉकडाउन की घोषणा किया गया!   यह सत्य है कि कोरोना बीमारी ने करीब करीब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है जिसकी वजह से दुनिया  भर के देशों से (आज दिनांक 01/05/2020 तक) 3,310,039 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हैं! और 234,143 लाख लोगों की मौत हो चुकी है! जिसमे से 3,5043 कोरोना केस अकेले भारत मे है! जिसमे से भारत मे 1154 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है तथा संक्रमित लोगो की संख्या लागातार बढती ही जा रही है!    दूसरी बात क्या भारत के प्रधानमंत्री द्वारा पर्याप्त बचाव के उपाय किये जा रहे हैं?  क्या भारत में सभी लोगों के प्राणों की कीमत समान है? या फिर अलग-अलग जातियों के आधार पर अलग-अलग लोगों के प्राणों की कीमत है? क्या कोरोना ने भारत के अस्पतालों की कुव्यवस्था की पोल खोल दी है? आइए इन्हीं बातों की हम पड़ताल करते हैं......      भारत दुनिया की पांचवीं अथवा छठवीं अर्थव्यवस्था होने का दंभ भरता है अगर ...